मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल लोगों को डिप्रेशन की तरफ तो नहीं ले जा रहा है…!
लोग कहते हैं लॉकडाउन के दौरान सहारा बना मोबाइल, अब रिश्तो में दूरियां बढ़ा रहा है!
जिसको देखो… जहां देखो…तब देखो… लोग मोबाइल पर ही बिजी रहते हैं!
यहां तक देखा गया है कि सामने टीवी चल रहा है और घर के सदस्य मोबाइल पर चैटिंग कर रहे हैं या अन्य कुछ
हॉस्पिटल में मरीज को देखने गए हैं तो मरीज से हाय हेलो करने के बाद आगंतुक अपने मोबाइल पर बिजी हो जाता है! केवल इतना ही नहीं ?? जिस मरीज का वह हाल चाल पूछने गए हैं, कई बार तो उसको भी मोबाइल पर कुछ लिखते पढ़ते हुए देखा जाता है!
बात केवल यहीं खत्म नहीं हो जाती …सड़क पर चलते हुए मोबाइल पर टाइप करते हुए या वीडियो देखते हुए लोगों को आम देखा जा सकता है! जबकि उनके कानों में लीड भी लगी होती है जिसके कारण पीछे से आने वाले वाहन द्वारा बजाए हॉर्न उनको सुनाई नहीं पड़ता! वाहन के आने का एहसास नहीं होता! जिसके कारण दुर्घटना हो जाती है!
दिल्ली नरेश, मीडिया पुलिस पब्लिक