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महर्षि पाणिनि धर्मार्थ ट्रस्ट गुरुकुल में श्रीराम कथा का आयोजन

महर्षि पाणिनि धर्मार्थ ट्रस्ट गुरुकुल में श्रीराम कथा का आयोजन

आज मैं अखिल भारतीय जनसंघ के 70 वें स्थापना दिवस पर दिल्ली प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रमोद सोती जी दिल्ली प्रदेश के सचिव नरेश शर्मा जी ग्रेटर नोएडा गुरुकुल मे पहुंचे वहाँ वैदिक मंत्रों से गुञ्जित वातावरण , आश्रम मे गोमय लेपन से विशुद्ध आवास कक्ष आदि
एवं
बटुकों का सनातनी शास्त्रीय संस्कार
देखकर
ऐसा लगता है
कि मै कलियुग से निकल कर त्रेतायुगीन महर्षि वशिष्ठ जी के आश्रम मे पहुँच गया ।
यह सब देखकर जीवन धन्य हो गया .।।
गुरुकुल के अंदर आचार्य राम गोपाल तिवारी जी द्वारा रामकथा का व्याख्यान सुनने के लिए सभी लोग गए आचार्य राम गोपाल तिवारी जी बहुत बड़े विद्वान मनीषी एवं भागवत आचार्य है यह मेरे मित्र हैं उन के सानिध्य में मैंने बहुत कुछ सीखा है मैं आभार व्यक्त करता हूं गुरुकुल के सभी पदाधिकारियों आचार्यों का संरक्षक ओं का एवं बाल बटुक ब्रह्मचारी बंधुओं का जो आज भी वैदिक सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए प्रयत्नशील हैं अखिल भारतीय जन संघ वैदिक सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए कार्यरत है

ग्रेटर नोएडा,21 अक्टूबर। महर्षि पाणिनि धर्मार्थ ट्रस्ट में निःशुल्क रूप से संचालित गुरुकुल प्रांगण सेक्टर ईटा-एक में बड़ी धूमधाम से राम कथा प्रारंभ हुई। प्रथम दिवस कथा व्यास डॉ. राम गोपाल तिवारी ने भारतीय संस्कृति एवं गुरुकुल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किए जाने वाले आयोजनों की विशेषताओं सहित रामकथा प्रारंभ की एवं बताया कि सर्व सामर्थ्यवान होने पर भी हमें प्रभु की शरण में अवश्य जाना चाहिए। उदाहरण के रूप में रामायण के प्रसंग बताया कि विश्वामित्र के बारे में हम सभी जानते हैं, समस्त विश्व में विश्वामित्र के समान ज्ञानवान नहीं हुआ है, उनके पास आज के वर्तमान समय के विज्ञान से बढ़कर विज्ञान का ज्ञान प्राप्त था, उनके पास इतना बल था कि किसी भी व्यक्ति को स्वर्ग लोक भेज सकते थे, यहां तक कि एक नए स्वर्ग की स्थापना स्वयं कर सकते थे, लेकिन उनको भी अपने कार्य को पूर्ण करने के लिए भगवान श्रीराम की शरण में जाना पड़ा। इसीलिए कहा जाता है कि हम कितने भी पुरुषार्थ करें, बिना शरणागति के बिना भगवान श्रीराम की कृपा के हमें अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पायेंगे। गुरुकुल के संस्थापक आचार्य रविकांत दीक्षित ने भारतीय संस्कृति एवं जीवन के लक्ष्य की ओर उन्मुख श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने की सलाह दी एवं गुरुकुल की आवश्यकता एवं महत्व के बारे में भी बताया और कहा कि किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिये संकल्प के साथ कोई किसी प्रकार की हिंसा न हो एवं विश्व का कल्याण चाहने वाला ही विश्वामित्र है। भगवान के चरणों के दर्शन का महत्व, अहिल्या,शबरी आदि पतितों को दर्शन कराना विश्वामित्र की महानता, एवं बहुत से तात्विक मार्मिक प्रसंग जो कथा में सुनाए गए। इस अवसर पर आयोजन समिति के सभी सदस्य शहर के गणमान्य सम्मिलित हुए।

 

📖✍️🎤 “दिल्ली नरेश” मीडिया पुलिस पब्लिक

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